भारत के वीर सपूतों को रणधीरों को!
देश की रक्षा हेतु जिन्होंने गले लगाया
तोपों ,बन्दूकों को और शमशीरों को
देश की रक्षा हेतु जिन्होंने गले लगाया
तोपों ,बन्दूकों को और शमशीरों को
देश-प्रेम हित तज कर आते लगन का मंडप
भूल जाते हैं अपनी सोहनियों , हीरों को.
द्रास, कारगिल या सियाचिन की हो सीमा
करने न देते पार किसी को लकीरों को
स्वयं विधाता आप बैठ कर लिखता है
स्वर्ण अक्षरों से उनकी तकदीरों को.
कोटि-कोटि प्रणाम देश के वीरों को
भारत के वीर सपूतों को रणधीरों को!