हर कोई चाहता है कि उसकी भी कोई अपनी पहचान हो. आज के समाज में नारी के सन्दर्भ में यह बात और भी जरूरी हो जाती है. अस्मिता की तलाश में ही......
लघुकथा (सवाल)
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 12 दिसंबर 2015 को लिंक की जाएगी ....http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए, बहुमूल्य समय निकालने के लिए आपका बहुत -बहुत धन्यवाद! आपकी प्रतिक्रिया मुझे बहुत प्रोत्साहन देगी....
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